रुद्रपुर शहर उत्तराखंड राज्य के सबसे दक्षिणी जिले ऊधम सिंह नगर का जिला मुख्यालय है औधोगिक शहर होने के साथ साथ यह कुमाऊं का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक नगर है । अगर मैं आपको ले चालू इतिहास के कुछ पलो के साथ तो ये टाइम था कुमाऊं में रुद्रचंद का शासनकाल जिसने इस शहर को बसाया।
1588 में रुद्रचंद की मुलाकात जब लाहौर। में अकबर से हुई तो अकबर ने उसे तराई का यह हिस्सा दिया था। और वह अकबर के लिए कस्तूरी मृग की कस्तूरी, याक , तोहफे , पहाड़ी घी आदि सब अकबर के लिए लेकर गया था।
अकबर ने उसे इस मुलाकात के बाद रुद्रपुर का फरमान राजा रुद्रचंद को दिया था । रुद्रचंद ने इस रुद्रपुर शहर में सेना का शिविर के स्थापना करी थी।
रुद्रचंद के बाद के चांद शाशको ने भी रुद्रपुर पर विशेष रूप से ध्यान दिया था जैसे हमे यह भी पता है की दीपचंद ने रुहेला अकर्मणकारियो की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रुद्रपुर में एक किले का निर्माण किया था ।
1842 में जब तराई जिला गठित हुआ तो रुद्रपुर को इस तराई जिले में रखा गया था लेकिन 1891 में तराई जनपद खत्म कर रुद्रपुर को नैनीताल में शामिल कर लिया गया था तथा इसी साल नैनीताल जिले का भी गठन हुआ था । रुद्रपुर को 1886 में रेलमार्ग से जोड़ा गया।
रुद्रपुर शहर कल्याणी नदी के किनारे बसा हुआ है जिसके वर्तमान हालात किसे नाले के समान दिखाई देती है रुद्रपुर नगर निगम की लाख कोसिसो के बाद भी यह साफ नहीं हो सकी ।
रुद्रपुर नगर निगम का गठन 2013 में हुआ था । रुद्रपुर को 1886 में रेलमार्ग से जोड़ा गया।